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बड़ी-खबर: आंदोलनकारियों ने की थाने में तोड़फोड़

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थाना सिविल लाइन के मुरैना गांव में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिसको लेकर लोग आंदोलन कर रहे थे। आंदोलनकारियों ने थाना सिविल लाइन में आकर पहले तो रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मामले को भांपकर गलत मामला दर्ज करने से मना कर दिया। इस पर रिपोर्ट लिखाने आए महिला-पुरूष बुरी तरह भड़क उठे और उन्होंने थाने में घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ शुरू कर दी। जिसमें थाने के फर्नीचर व अन्य उपकरण क्षतिग्रस्त हुए तथा चार पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। घटना की खबर मिलते ही नगर पुलिस अधीक्षक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उधर दूसरी तरफ दलित वर्ग के लोग भी घायल बताए गए हैं, जिन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। पुलिस मामले में कार्रवाई करने में जुटी है।

यह है मामला:
मुरैना गांव के तालाब की जमीन पर रातों-रात बाबा साहब की मूर्ति कुछ उनके समर्थकों ने लगा दी, जिसको लेकर वहां  विवाद खड़ा हो गया। जहां मूर्ति लगाई थी वह दूसरे की जमीन थी। उसने भी जिला प्रशासन और पुलिस को शिकायत की है। प्रशासन जब वहां कार्रवाई करने पहुंचा तो आंदोलित लोगों ने उसका विरोध किया, सरकारी अमला वापस चला आया। धरने पर बैठे लोगों ने बताया कि उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। वह सीधे थाना सिविल लाइन मामला दर्ज कराने की फिराक में पहुंचे थे। जहां मामले की बगैर छानबीन किए पुलिस ने मामला दर्ज करने से मना किया, तो आक्रोशित लोगों ने थाने में तोड़फोड़ कर दी और एसआई अशोक सक्सेना, बहादुर सिंह भदौरिया एसआई, मनोज यादव एएसआई, आरक्षक पूजा सिंह, किशन सिंह, मुनेंद्र चौहान भी घायल हैं।

मीडियाकर्मी भी घायल:
आक्रोशित लोगों ने मीडिया को भी नहीं बख्शा और घटना का कवरेज कर रहे मीडियाकर्मियों पर भी हमला कर दिया। जिससे कैमरा चला रहे कुछ मीडिया कर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए घायलों का चिकित्सा परीक्षण कराया है और आरोपियोंं के विरूद्ध मामला दर्ज की बात कही है। दूसरी तरफ आंदोलन कर रहे दलित भी इस मामले में घायल हुए हैं। जिनमें सबभान जाटव, किरन जाटव, हेमंत, जावित्री, अशोक शामिल हैं।

लाठीचार्ज की माकपा ने निंदा की:

सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मुरैना गांव के दलितों पर दबंगों द्वारा डराने-धमकाने एवं दलित बस्ती के लोगों पर लायसेंसी बंदूक से फायर करने वालों के विरूद्ध केस दर्ज कराने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण धरना-आंदोलन कर रहे दलितों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, किसान सभा एवं दलित शोषण मुक्ति मंच ने कडेÞ शब्दों में निंदा की है। उक्त कृत्य के बाद माकपा ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है साथ ही चेतावनी दी है कि दलितों की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन उग्र होगा।

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