अभी-अभी: हथियार और तिरंगा के साथ कश्मीर के लाल चौक पहुंची सेना, कहा- बाहर निकलो गद्धारों, तुम्हे अल्ला के पास पहुंचा देंगे.. देखें...
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नई दिल्ली: कश्मीर के
लाल चौक पर ने Indian-Army आज अपना सर्च
ऑपरेशन चलाया। जवानों ने इस दौरान हाथ में तिरंगा लेकर आतंकियों को ललकारा। बता
दें कि सेना कल रात से पूरे कश्मीर में सर्च ऑपरेशन चला रही है। इससे पहले भारत के
बहादुर जवानों ने एक आतंकी को मार गिराया है। ये आतंकी घुसपैठ की फिराक में था। इस
आतंकी के एनकाउंटर के बाद आर्मी का सर्च ऑपरेशन जारी है। गुरुवार को भी सिक्युरिटी
फोर्सेस ने घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया था। इसमें 7 आतंकी मार गए थे। इस
दौरान चले एनकाउंटर में एक जवान शहीद हो गया, वहीं दो जवान
जख्मी हो गए थे।
Indian-Army के मुताबिक, इस साल एलओसी पर 24 से ज्यादा बार
घुसपैठ की कोशिश की गईंं। इस दौरान कुल 43 हथियारबंद घुसपैठिए मारे गए। न्यूज
एजेंसी के मुताबिक, कश्मीर में एलओसी पर पिछले तीन दिनों में
घुसपैठ की पांच बड़ी कोशिशों को नाकामयाब किए जाने के बाद कुपवाड़ा, नौगाम, माछिल और बारामूला जिले के घने जंगलों में
सिक्युरिटी फोर्सेस ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। जवानों ने पूरे इलाके को घेर
लिया है, जिससे आतंकवादी भागने में कामयाब न हो सकें।
दो दिन में एलओसी के
पास Indian-Army ने 13 आतंकियों को मार गिराया है। मंगलवार-बुधवार को सेना ने 4 आतंकियों
को मार गिराया था। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात गश्त करे रहे सैनिकों को माछिल
सेक्टर में आतंकियों के घुसपैठ करने का शक हुआ। कुछ देर बाद हलचल दिखाई दी। आर्मी
ने इसके बाद ऑपरेशन शुरू किया। बुधवार शाम तक चार आतंकी मारे गए। इस इलाके में घना
जंगल है और आतंकी इसी का फायदा उठाकर घुसपैठ करते हैं।
26 मई को इसी सेक्टर
में दो और फिर अगले दिन 6 आतंकी मार गए थे। वहीं, गुरुवार
को सिक्युरिटी फोर्सेस ने पुलवामा में आतंकियों की बैंक लूटने की कोशिश नाकाम कर दी।
पिछले साल नवंबर में माछिल सेक्टर में हमारे तीन जवान शहीद हुए थे। एक शहीद का शव
क्षत-विक्षत हालत में मिला था। 28 अक्टूबर को एक जवान मनदीप सिंह के शव का भी
पाकिस्तान की सेना ने अपमान किया था। पाकिस्तानी आर्मी के कवर फायर का फायदा उठाते
हुए आतंकी LoC के रास्ते घुसे और एक जवान की जान ले ली थी।
उसके बाद जवान के शव
को क्षत-विक्षत कर दिया। ये घटना भी माछिल सेक्टर में ही हुई थी। 2013 में दो जवान
लांसनायक हेमराज और सुधाकर सिंह के शवों को भी पाक सैनिकों ने क्षत-विक्षत कर दिया
था। 1999 की करगिल जंग के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया को पाकिस्तान की सेना ने
प्रताड़ित किया था और बाद में उनके शव के साथ भी बर्बरता की गई।
जून 2008 में गोरखा
राइफल्स के एक जवान को पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम ने केल सेक्टर में पकड़ लिया
था। कुछ दिन बाद उसका सिर कलम कर शव दिया गया था। आर्मी ने इसके बाद जवाबी
कार्रवाई में पाकिस्तान के 6 सैनिक मार गिराए थे।
मई 2017 में पुंछ
सेक्टर में पाकिस्तान आर्मी की बॉर्डर एक्शन टीम ने हमारे दो शहीदों के शवों के
साथ बर्बरता की थी। इसके बाद सेना ने पाकिस्तान की कई पोस्ट्स तबाह कर दी थीं।
भारतीय सेना का जवाब इतना करारा था कि पिछले दिनों पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे
डीजीएमओ को फोन कर बॉर्डर पर अमन बहाली की अपील की थी। लेकिन भारत के डीजीएमओ जनरल
भट्ट ने अपने काउंटर से साफ कह दिया था कि जब तक बॉर्डर पर फायरिंग और घुसपैठ की
साजिशें जारी रहेंगी, भारतीय सेना उनका माकूल जवाब
देना भी जारी रखेगी।
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