अभी-अभी: ट्रम्प ने भारतीय सेना को सबसे खतरनाक तोप देकर कहा- अब चीन पर हमला करके नष्ट कर दो मोदीजी.. देखें...
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नई दिल्ली: भारत को US से हाल ही में दो बेहतरीन तोपें मिली हैं, जिनका
आजकल Pokhran में जोर-शोर से परीक्षण किया जा रहा है। Howitzer
नाम की यह आर्टिलरी गन इतनी खतरनाक है कि दुश्मन की रूह तक इससे
कांप जाए। सबसे खास बात है कि कम वजन वाली इस तोप को कहीं भी आसानी से कहीं से ले
जाया जा सकता है। यहां तक की हेलीकॉप्टर के जरिए इन तोपों को ऊंची से ऊंची पहाड़ी
पर पहुंचाया जा सकता है।
हालांकि इसकी तुलना
बोफोर्स तोप से की जाती है, लेकिन बोफोर्स इसके सामने
कहीं नहीं ठहरती। ये तोपें बोफोर्स से कहीं ज्यादा हल्की, कई
गुना सटीक और कई गुना तेज है। सरकार का कहना है कि इन तोपों को चीन सीमा पर तैनात
किया जाएगा। चलिए आपको बताते हैं कि होविटजर तोपों को दुनिया की सबसे ताकतवर तोप
क्यों माना जाता है।
करगिल युद्ध में
बोफोर्स ने पाकिस्तानी फौज के दांत खट्टे कर दिए थे। लेकिन अब बोफोर्स का साथ देने
आ एम 777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप आ चुकी है। एम777 होवित्जर 155 एमएम की तोप है।
इसका रेट ऑफ फायर 2 राउंड/मिनट (2आरपीएम) से लेकर 5 राउंड/मिनट (5आरपीएम) है। यानी
एम 777 एक बार में ज्यादा गोला-बारूद दाग सकती है। साफ है कि ये तोप एक मिनट में 2
से 5 गोले दाग सकती है।
जहां एक ओर बोफोर्स
की मारक क्षमता या यूं कहें कि बोफोर्स तोप से छूटा गोला 27 किलोमीटर दूर तक गिरता
है,
वहीं एम 777 बदलाव के साथ 40 किलोमीटर तक मार कर सकती है। बोफोर्स
के मुकाबले एम777 पूरी तरह ऑटोमैटिक है। इसमें लगे सेंसर और रडार पहाड़ों के पीछे
छिपे दुश्मनों को ढूंढकर गोले बरसाने की काबिलियत रखते हैं।
4 हजार किलो वजन वाली
होवित्जर एम777 तोप को गोला दागने के बाद अपनी जगह छोड़ने में सिर्फ 2 से 3 मिनट
लगते हैं। होवित्जर के आने से करगिल और द्रास सेक्टर जैसे पहाड़ी इलाकों में
भारतीय सेना को काफी मजबूती मिलेगी। इन 145 होवित्जर तोपों को तीन साल के दौरान
भारत में ही असेंबल किया जाएगा। ये मेक इन इंडिया मिशन के लिहाज से बड़ी कामयाबी
है। एम777 नई 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को और ताकतवर बनाएगी। इस कोर में 2021 तक 90
हजार सैनिक शामिल होंगे। इसपर भारत सरकार 70 हजार करोड़ रुपया खर्च करेगी।
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