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अभी-अभी: रतन टाटा द्वारा दिया गया चीन की बर्बादी का हथियार पाकर जवान बोले- 15 अगस्त (कल) को नामोनिशान मिटा देंगे चीन का

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नई दिल्ली: डोकलाम सीमा पर भारत और चीन के बीच लगातार मामला गर्मता जा रहा है। दोनों देशों के बीच 16 जून से सीमा विवाद चल रहा है, इस मसले में को भारत बातचीत के माध्यम से सुलझाना चाहता है परन्तु चीन की तरफ से लगातार यह बयान दिया जा रहा है कि सीमा से भारतीय सेना के हटने के बाद ही बातचीत संभव है। चीन की सरकारी मीडिया की तरफ से भी भारतीय सेना को कई बार पीछे हटाने की धमकी दी जा चुकी है। अब डोकलाम पर भारत-चीन के बीच जारी तनातनी के बीच भारतीय सेना ने डोकलाम के आसपास के गांवों को खाली करने का निर्देश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना ने सीमा के नाथनांग गांव में रह रहे ग्रामीणों को तुरंत गांव खाली करने के लिए कहा है, यह गांव डोकलाम से 250 किमी. की दूरी पर स्थित है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि खाली करने का यह आदेश सुकना से डोकलाम की ओर बढ़ रहे 33 क्रॉप के जवानों के ठहरने के लिए खाली कराया गया है या भारत-चीन के बीच किसी मुठभेड़ की स्थिति में नागरिकों को हताहत होने से बचने के लिए गांव खाली कराया गया है।


इससे पहले खबर आई कि डोकलाम में जहां दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं उससे करीब एक किलोमीटर के दायरे में चीन ने 80 टैंट लगा दिए हैं. चीनी सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी की तरफ से डोकलाम में ये बड़ी तैयारी मानी जा रही है. हालांकि यहां भारतीय सेना ने करीब 350 सैनिकों को तैनात किया है जो करीब 30 टैंट में रह रहे हैं। भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने चीनी सैनिकों की उपस्थिति पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है। उन्होंने आगे बताया कि विरोधी की तरफ से किसी भी तरह की हलचल की उम्मीद नहीं है, परन्तु भारतीय सेना डोकलाम के आसपास लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है।

भारत में रक्षा प्रौद्योगिकी के विकास में देश के दो बड़े बिजनेस टायकून्स मैदान में उतर चुके हैं। जहां एक ओर मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस डिफेंस मिसाइल निर्माण में इजराइली कंपनी राफेल के साथ मिलकर मिसाइलों के निर्माण में जुटे हैं, वहीं रक्षा क्षेत्र में पुरानी कंपनी टाटा अब हेलीकॉप्टर और विमान बनाने में जुटी हुई है। हाल ही में अमेरिका के साथ एफ-16 फाइटर प्लेन के भारत में निर्माण को लेकर डील हुई थी। एफ-16 बनाने वाली कंपनी भारत में टाटा के साथ मिलकर इस महाविनाशक फाइटर जेट का निर्माण करेगी।

आपको बता दें कि बिजनेस टाइकून रतन टाटा के चेयरमैन रहते हुए टाटा ने भारतीय सेना के लिए मजबूत और टिकाऊ वाहनों के अलावा एंटी लैंडमाइन व्हीकल भी तैयार किए हैं, जो सालों से सेना में कार्यरत हैं। अमेरिका की कंपनी बोइंग के साथ चिनूक हेलीकॉप्टर और अपाचे हेलीकॉप्टर की जो डील साइन हुई थी, टाटा उसको मूर्त रूप दे रही है।

पिछले दिनों बोइंग ने चिनूक हेलीकॉप्टर के पार्ट्स सप्लाई किए थे, जिसके बाद इन दिनों टाटा की फैक्ट्री में इस विशालकाय हेलीकॉप्टर की असेंबलिंग की जा रही है। वहीं अपाचे हेलीकॉप्टर के पार्ट्स भी भारत आने शुरू हो गए हैं। टाटा की फैक्ट्री में अपाचे हेलीकॉप्टर का ढांचा तैयार किया जा रहा है।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले कुछ सालों में भारतीय वायुसेना को ये दोनों विनाशकारी हेलीकॉप्टर मिल जाएंगे। वहीं हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत में एफ-16 फाइटर प्लेन को लेकर जो डील हुई थी, उसे भी टाटा ही पूरा करेगी।

टाटा ने इसके लिए अपनी फैक्ट्रियों में बदलाव शुरू कर दिए हैं। आने वाले कुछ महीनों में एफ-16 का निर्माण करने वाली कंपनी लॉकहिड मार्टिन के अधिकारी फैक्ट्री का जायजा लेंगे। उसके बाद भारत में एफ-16 विमानों का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

आपको बता दें कि टाटा कंपनी भारत के रक्षा क्षेत्र में बहुत पहले से कार्यरत है। टाटा इस वक्त सेना के लिए उन्नत श्रेणी की तोप का निर्माण भी कर रहा है। साथ ही सेना के काफिले के लिए तेज और मजबूत ट्रक के अलावा एंटी लैंडमाइन व्हीकल भी तैयार कर रहा है। बोइंग के साथ हुए सौदे के बाद से हैदराबाद के पास टाटा की एक फैक्ट्री में उन्नत श्रेणी का युद्धक लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे का निर्माण किया जा रहा है।

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