अभी-अभी: भारत आने से पहले जापान के pm ने भेजी मिसाइल, कहा- अब डोकलाम ही नहीं पुरे तिब्बत में तिरंगा पहरा दो.. देखें...
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नई
दिल्ली: चीन के साथ जारी डोकलाम विवाद पर जापान ने भारत का सपोर्ट किया है। जापान
ने कहा है कि किसी को भी जोर-जबर्दस्ती से इलाके की यथास्थिति में बदलाव की कोशिश
नहीं करनी चाहिए। बता दें
कि सिक्किम सेक्टर में भूटान ट्राइजंक्शन के पास चीन एक सड़क बनाना चाहता है। भारत
और भूटान इसका विरोध कर रहे हैं। करीब 2 महीने से इस
इलाके में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं।
इंडियन
एक्सप्रेस के मुताबिक भारत में जापान के एम्बेसडर केनजी हिरामात्सु ने नई दिल्ली
के सामने इस मुद्दे पर टोक्यो की स्थिति साफ की है। केनजी भूटान में भी जापान के
एम्बेसडर हैं। जापान का नजरिया वहां के पीएम शिंजो आबे के भारत दौरे से पहले आया
है। आबे 13 से 15 सितंबर तक भारत दौरे पर
आने वाले हैं।
इससे
पहले भारत और जापान के बीच मिसाइल सिस्टम मजबूत करने को लेकर बात हुई है। जापान
इसके तहत भारत को 13 मिसाइलें देगा।
वहीं
डोकलाम विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब
इंडियन ट्रूप्स ने डोकलाम एरिया में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था।
हालांकि चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है। इस एरिया का भारत
में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि
ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल
प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।
नई
दिल्ली ने चीन से कहा है कि चीन के सड़क बनाने से इलाके की मौजूदा स्थिति में अहम
बदलाव आएगा, भारत की सिक्युरिटी के लिए ये गंभीर चिंता का विषय
है। रोड लिंक से चीन को भारत पर एक बड़ी मिलिट्री एडवान्टेज हासिल होगी। इससे
नॉर्थइस्टर्न स्टेट्स को भारत से जोड़ने वाला कॉरिडोर चीन की जद में आ जाएगा।
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