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रिटायर्ड फौजी ने अपने पीएफ के पैसों से बनवा दी सड़क, बोले- पैसा क्या खून का एक-एक कतरा देश के नाम है

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नई दिल्ली: फौजी सिर्फ सरहदों की रक्षा नहीं करते। गांव-समाज की बेहतरी की चिंता भी उनके जेहन में रहती है।

34 साल देश की सेवा के बाद सूबेदार मेजर भग्गुराम मौर्य गांव पहुंचे तो उन्होंने पीएफ की राशि से गांव की सड़क बनाकर मिसाल पेश की। 10 फीट चौड़ी और डेढ़ किमी. लंबी सड़क ने कई बस्तियों को 'विकास पथ' से जोड़ा है।
वाराणसी शहर से 20 किमी. दूर जंसा के रामेश्वर गांव की एक छोटी सी बस्ती हीरमपुर के भग्गुराम मौर्य सेना के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में रहे। बीते साल दिसम्बर में रिटायर्ड होने के बाद गांव आए। वह घर जाने के लिए गांव के ऐसे रास्ते से गुजरे, जिस पर साइकल चलाना भी मुश्किल था।

इस पर उन्होंने पीएफ का पैसा लिया और घर व अपनी अन्य सुविधाओं को दरकिनार कर सड़क बनवाने में दिन-रात जुट गए। सात महीने की कोशिश के बाद अब उस रास्ते से साइकल, बाइक ही नहीं बल्कि फोर व्हीलर और ट्रैक्टर भी आसानी से गुजरने लगे हैं।

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